पति या पत्नी का सेक्स से इनकार हिंदू मैरिज एक्ट में 'अत्याचार'

शादी के बाद पति का पत्नी से सेक्स करने से मना करना हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के तहत क्रूरता है.

कोर्ट ने महिला द्वारा अपने पति के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को रद्द करते हुए यह बात कही.

हालांकि आईपीसी की धारा 498 ए के तहत सेक्स न करना अपराध नहीं है.

अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने 'कभी भी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा नहीं जाहिर की थीं', जोकि हिंदू मैरिज एक्टर की धारा 12 (1) (ए) के तहत विवाह को पूरा करने के चलते क्रूरता' कहा जाएगा.

पत्नी ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 (1)(ए) के तहत फैमिली कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि शादी के बाद सेक्स हुआ ही नहीं.

वहीं याचिकाकर्ता यानी पति का कहना था कि प्रेम का मतलब शारीरिक संबंध बनाना नहीं, यह आत्मा से आत्मा का मिलन होना चाहिए. इसलिए उसने कभी भी पत्नी से शारीरिक संबंध नहीं बनाए.

पति और पत्नी एक-दूसरे से सेक्स करने के लिए इनकार नहीं कर सकते हैं इसे क्रूरता की श्रेणी में रखा जाता है.

सेक्स के लिए मना करना तलाक का आधार बन सकता है.