कोणार्क सूर्य मंदिर का रहस्य

भारत मंदिरों का देश है. हर गली चौबारे में मंदिर ही मंदिर हैं. लोग इन मंदिरों में पूजा करते हैं.

भारत में कई अनोखे मंदिर हैं. इन्हीं में से एक कोणार्क का सूर्य मंदिर है. इस मंदिर में किसी भी देवी-देवताओं की मूर्ति नहीं है.

कोणार्क का सूर्य मंदिर भारत के सबसे अनोखा मंदिर है. इसके कई रहस्य हैं. आइए कोणार्क के सूर्य मंदिर के बारे में जानते हैं.

1. रहस्यों से भरा सूर्य मंदिर उड़ीसा के कोणार्क में है. कोणार्क का सूर्य मंदिर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल है.

2. सूर्य मंदिर को 1250 ईस्वी में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था. बाद में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हमला करके इसे क्षतिग्रस्त कर दिया था.

3. कोणार्क के सूर्य मंदिर की कहानी श्रीकृष्ण से भी जुड़ी हुई है. कृष्ण के बेटे साम्ब को कोढ़ था. सूर्य देव ने साम्ब के रोग को खत्म किया. इसके बाद साम्ब ने सूर्य मंदिर को बनवाया.

4. कोणार्क के इस मंदिर को सूर्य देवता के रथ के आकार का बनाया गया है. इस रथ में 12 जोड़ी पहिए हैं जिसे 7 रथ खींचते हुए दिखाए गए हैं.

5. ऐसा माना जाता है कि सूर्य मंदिर के 12 पहिए साल के 12 महीनों को दर्शाते हैं. इसके अलावा रथ आकार का मंदिर दिन के 8 पहर दिखाता है.

6. कहते हैं भारत के सूर्य मंदिर के शिखर पर 52 टन का चुम्बकीय पत्थर लगा था. कोणार्क के समुद्र से गुजरने वाले जहाज इस ओर खिंचे चले आते थे.

7. अंग्रेजों ने मंदिर के शिखर से चुम्बकीय पत्थर हटवा दिया. कहते हैं कि इस वजह से मंदिर का बैलेंस का बिगड़ गया और मंदिर की दीवारें गिर गईं.

8. कोणार्क के सूर्य मंदिर के भीतर कोई मूर्ति नहीं है. इस मंदिर की सूर्य देव की मूर्ति पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रखी हुई है. वहां भगवान सूर्य के दर्शन कर सकते हैं.