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दुनिया का सबसे बड़ा खेल महोत्सव ओलंपिक गेम्स 2024 पेरिस में शुरू हो चुका है. ये महोत्सव 11 अगस्त 2024 तक चलने वाला है.
पेरिस में हो रहे इस ओलंपिक में सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है. इसकी एक वजह अतीत में हुए आतंकी हमले भी हैं.
अतीत में कई आतंकी हमले ओलंपिक में हो चुके हैं.
5 सितम्बर 1972 को ब्लेक सितंबर नाम के फिलिस्तीनी आतंकी समूह ने म्यूनिख ओलंपिक के खिलाड़ियों पर हमला किया था. यह हमला ओलंपिक में हुए हमलों में से सबसे खतरनाक माना जाता है.
इजराइल के जेल में 236 फिलिस्तीन बंधक बंद थे. इन्हें रिहा करने के लिए ब्लैक सितंबर ग्रुप के 8 आतंकियों ने 11 इस्राइली खिलाड़ियों को बंधक बना लिया था. साथ ही उन्हें छोड़ने के लिए बंधको के रिहाई की मांग रखी थी.
इजरायल इस धमकी से नहीं डरा और अपनी जिद पर अड़ा रहा. कई कोशिशों के बाद भी इजराइल के 11 खिलाड़ियों की मौत हो गई. इसके बाद 8 में से 5 आतंकी मारे गए और 3 गिरफ्तार हुए. कुछ समय बाद तीनों को रिहा कर दिया गया.
म्यूनिख नरसंहार के बाद 1996 अटलांटा ओलंपिक में पार्क में बम ब्लास्ट को अंजाम देकर एक और आतंकी हमला दर्ज हुआ था. इस हमले को अमेरिका के इरिक रुडोल्फ ने अंजाम दिया था.
इरिक रुडोल्फ ने 1997 में गे नाइट क्लब और 1998 में अबॉर्शन क्लिनिक में भी बम ब्लास्ट किया था.
अटलान्टा बम ब्लास्ट में कुल 2 लोगों की मौत हुई थी और 111 लोग घायल हुए थे. 2005 में इरिक रुडोल्फ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.