इन गानों के जरिए दिलों में जिंदा रहेंगे पकंज उधास  

लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया है. 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली.

पंकज की बेटी नायाब उधास ने सिंगर के निधन की खबर शेयर की है. हर कोई सोशल मीडिया पर नम आंखों से सिंगर को श्रद्धंजलि दे रहा है.

पंकज उधास के निधन से सेलेब्स दुखी हैं. सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन सदमे में हैं. 

पंकज का जाना म्यूजिक जगत के लिए बड़ा नुकसान है. जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती. सोनू निगम ने भी पंकज उधास के निधन पर इमोशनल नोट शेयर किया है. 

पंकज के म्यूजिकल करियर की शुरुआत 6 साल की उम्र से हो गई थी. उनके घर में संगीत का माहौल था.

इसी को देखते हुए वो भी संगीत की दुनिया में आए और हमेशा के लिए उसके होकर रह गए थे. 

पंकज ने संगीत की शुरुआत स्कूल में होने वाली प्रेयर से हुई थी. संगीत का पहला एक्सपोजर स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ.

1980 में उनका पहला एल्बम 'आहट' आया था. उनके फेमस गानों में 'जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके...'चिट्टी आई है... चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल...न कजरे की धार, न मोतियों के हार...शामिल हैं.

सिंगर का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जीतपुर में हुआ था. उनके पिता किसान थें. दोनों भाई भी सिंगर थें.

पंकज बहुत सिंपल लाइफ जीते थें. साल 2006 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था. 

पर्सनल लाइफ की बात करें तो, पंकज ने फारिदा से शादी की उनकी तीन बेटियां हैं.