(Photo Credit: sumit antil instagram)
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का धमाकेदार प्रदर्शन जारी है. सुमित अंतिल ने मेन्स जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता है. सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था. ऐसे में वह पहले भारतीय जैवलिन थ्रोअर बन गए हैं, जिन्होंने पैरालंपिक में अपना गोल्ड मेडल डिफेंड किया है.
सुमित अंतिल ने पेरिस पैरालंपिक में अपना ही पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ा. उन्होंने पहले प्रयास में 69.11 मीटर का थ्रो किया, जो नया पैरालंपिक रिकॉर्ड रहा. इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 70.59 मीटर भाला फेंककर एक बार फिर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा.
हरियाणा के सोनीपत निवासी सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था. सुमित जब 7 साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात उनके पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई थी.
सुमित तीन बहनों के इकलौते भाई हैं. पिता की मौत के बाद उनकी मां निर्मला ने हर दुख सहन करते उन्हें और उनकी बहनों का पालन-पोषण किया.
12वीं में पढ़ाई के दौरान सुमित के साथ भयानक हादसा हुआ. 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहे था. इसी दौरान सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई.
इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा. हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुए.रिश्तेदारों और दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साईं सेंटर पहुंचे.
एशियन रजत पदक विजेता कोच विरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उन्हें लेकर दिल्ली पहुंचे. यहां सुमित ने द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे.
सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, लेकिन पांचवीं रैंक ही प्राप्त कर सके. साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता. इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया.