इन लोगों के लिए धरती ही है नरक

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कुछ लोगों को धरती ही नरक जैसी लग सकती है. ऐसे लोग जो गहरी निराशा, या दुख से जूझ रहे होते हैं, उन्हें धरती पर जीवन कठिन और असहनीय लग सकता है.

जिन लोगों को आर्थिक तंगी और भूख का सामना करना पड़ता है, उनके लिए दैनिक जीवन संघर्ष से भरा होता है और यह उनके लिए धरती को नरक के समान बना सकता है.

सामाजिक, आर्थिक या जातिगत असमानता का सामना करने वाले लोगों को अक्सर अत्याचार और भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका जीवन पीड़ादायक हो सकता है.

गंभीर बीमारियों या विकलांगता के साथ जी रहे लोगों को जीवन भर शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ता है.

रिश्तों में धोखा, टूटन, या घरेलू हिंसा का सामना करने वाले लोगों को जीवन निराशाजनक और असहनीय लग सकता है.

जो लोग अकेलेपन से पीड़ित होते हैं या उन्हें किसी का साथ नहीं मिलता, उनके लिए जीवन उदासी और अवसाद से भर जाता है.

युद्धग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले या हिंसा का शिकार हुए लोग, जिनका जीवन निरंतर खतरे और भय में गुजरता है, उनके लिए धरती नरक के समान हो सकती है.

नशे की लत से जूझ रहे लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बर्बाद महसूस कर सकते हैं, जिससे उनका जीवन अंधकारमय हो जाता है.

इन परिस्थितियों में, लोगों को जीवन कठिनाई भरा और दर्दनाक लग सकता है, जिससे उनके लिए धरती नरक जैसी प्रतीत होती है.