भारत में कई ऐसी जगहें हैं जहां भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं है. इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इन जगहों के मालिक भारतीय ही हैं.
शहर के बीचोबीच बसा यह हॉस्टल सिर्फ विदेशियों के लिए आरक्षित है और यहां प्रवेश केवल पासपोर्ट दिखा के ही मिलता है...
वैसे तो इन लोगों के पास "नो इंडियन" पॉलिसी है, लेकिन जिन भारतीयों के पास विदेशी पासपोर्ट है उन्हें यहां रहने की इजाजत दी जा सकती है.
यह कैफे कुल्लू जिले के हिमाचल के कसोल गांव में है. यह तब सुर्खियों में आया जब कैफे के मैनेजर ने भारतीय मूल के एक मेहमान को मेन्यू कार्ड देने से इनकार कर दिया लेकिन इजरायल के लोगों को वो खुशी-खुशी खाना सर्व कर रहा था.
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड में सिर्फ आदिवासी निवास करते हैं. यह द्वीप बाहरी दुनिया के संपर्क नहीं है. इस द्वीप पर बाहर से आए हुए किसी भी व्यक्ति का जाना वर्जित है.
अंजुना बीच एक ऐसा समुद्र तट है जहां आप शायद ही किसी भारतीय को देख सकते हैं. हालांकि इस पर कानूनी प्रतिबंध नहीं है.
आपको यह जानकर खुशी होगी कि यह होटल अब बंद हो चुका है. दो साल पहले नस्लीय भेदभाव के आरोपों के चलते इस होटल को साल 2012 में बंद कर दिया गया था. इस होटल में भी भारतीय लोगों के जाने पर रोक थी.
हिमाचल प्रदेश की वादियों के बीच ही नोरबुलिंका नाम का कैफे है. इस कैफे में भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं है. इस जगह पर सिर्फ विदेशी और कुछ खास लोग ही आ जा सकते हैं.