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महाभारत काल में द्रौपदी की शादी पांडवों यानी पांच भाइयों से हुई थी. आज के जमाने में वैसे तो ऐसा संभव नहीं है.
अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बिल्कुल गलत है. हिमाचल और उत्तराखंड में कुछ जगहें हैं जहां आज भी एक महिला के कई पति होते हैं.
इस जगह पर आज भी बहुपति की प्रथा चलती आ रही है. लोगों इसको आज भी अपना रहे हैं.
इस जगह के लोगों का मानना है कि यहां पांडवों ने एक गुफा में पत्नी द्रौपदी और मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ समय बिताए थे. तब से ये प्रथा चली आ रही है.
बहुपति की परंपरा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लगभग 350 बस्तियों में पाई जाती है.
इस प्रथा के पीछे गरीबी और जमीन के बंटवारे को रोकने का मकसद भी बताया गया है.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के इलाकों में आज भी एक महिला की शादी कई भाइयों से कर दी जाती है. सभी खुशी-खुशी साथ रहते हैं.
यहां जब किसी युवती की शादी होती है तो परिवार वाले ससुराल पक्ष के सभी लड़कों के बारे में जानकारी निकालते हैं. फिर युवती की शादी सभी भाइयों से की जाती है.
अगर कोई भाई दुल्हन के साथ कमरे में है तो वह दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है. बाकी भाई इस परंपरा का सम्मान करते हैं.
अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो उसे पति की मौत के बाद विधवा होने का दंश नहीं झेलना पड़ता है. वह हर पति के जीवित होने तक सुहागिन होती हैं.