कभी बच्चों को पढ़ाती थीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. वे देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं.

द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं जो आजादी के बाद पैदा हुई थी. इसके साथ ही वे राष्ट्रपति बनने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनी.

द्रौपदी मुर्मू ने अपनी पढ़ाई कुसुमी तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा में बसे एक छोटे से स्कूल से की. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री रामादेवी महिला महाविधायक भुवनेश्वर से हासिल की.

द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटग्रेटेल एजुकेशन एंड रिसर्च में 1994 से 1997 के बीच एक टीचर के तौर पर काम किया था.

द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी, जिनसे उन्हें दो बेटे और एक बेटी हुई. लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने अपने दोनों बेटे और पति को खो दिया था.

पति और बच्चों की मौत के बाद द्रौपदी मुर्मू टूट चुकी थी. जिसके बाद उन्होंने अपने घर को एक स्कूल बना दिया.

द्रौपदी मुर्मू ने फिर से अपने करियर की शुरुआत की और उन्होंने ओडिशा के सिंचाई डिपार्टमेंट में क्लर्क पद पर नौकरी की.

द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2000 में की. ओडिशा के रायरंगपुर सीट से 2000 से 2009 के बीच बीजेपी के टिकट से दो बार विधायक चुनी गई.

बीजू जनता दल और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार में 2000 से 2004 के बीच कई मंत्री पदों पर कार्यभार संभाला.

साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं.