कई लोग इमोशनली बहुत वीक होते हैं और उन्हें छोटी-छोटी बात बहुत बुरी लगती है. ऐसे लोगों से अगर कोई थोड़ा कड़क होकर बोल देता है तो कई बार इनके आंसू भी निकल आते हैं.
ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों का तनाव लेने लगते हैं.ऐसे व्यक्तियों के मन में निरंतर उस बात को लेकर विचार प्रक्रिया चलती रहती है. वे किसी भी बात के बारे में ज्यादा सोचते हैं. इस वजह से हर समय चिंता से घिरे रहते हैं.
जो लोग बहुत अधिक भावुक होते हैं उन्हें आमतौर पर समाधान ढूंढने या किसी समाधान तक पहुंचने में बहुत कठिनाई होती है. इस वजह से वो हमेशा तनाव में रहते हैं.
ऐसे लोगों को अपनी छोटी सी समस्या भी बहुत बड़ी लगती है. वो दिए गए समाधानों को भी कम आंकते हैं. इस वजह से वो हर समय दबाव में रहते हैं.
संवेदनशील लोगों में लगातार आते विचारों के कारण नींद न आने की समस्या रहती है. ऐसे लोग हर समय किसी एक बात के बारे में सोचते रहते हैं.
इस तरह के संवेदनशील लोगों को अपने प्यार का इजहार करने को लेकर काफी कन्फ्यूजन रहता है. वे अस्वीकृति से डरते हैं. उनको डर रहता है कि सामने वाले से कहीं उनका रिश्ता खराब न हो जाए.
अत्यधिक संवेदनशील चिंता से ग्रस्त ऐसे लोग लोगों से बात करना बंद कर देते हैं जिनकी बातें उन्हें बुरी लगती हैं.
किसी भी स्थिति को बिना पूरी तरह समझे और बिना किसी बात को पूरी तरह सुने ये लोग तुरंत निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं. इससे ये लोग खुद भी काफी परेशान रहते हैं. ये लोग अतीत को पकड़कर रहते हैं और उससे बाहर आने की कोशिश नहीं करते.