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राजस्थान में पिलानी के पास एक गांव के रहने वाले मुकेश मांजू एक प्रगतिशील किसान हैं और जैविक खेती करके लाखों कमा रहे हैं.
मुकेश के बारे में सबसे दिलचस्प बात है कि किसान होने से कुछ साल पहले तक वह एक NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडर हुआ करते थे.
साल 2018 में सर्विस से वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने जैविक खेती शुरू की. हालांकि, उन्होंने साल 2012-13 से ही अपने पिता के साथ मिलकर खेती में बदलाव की शुरुआत कर दी थी.
मुकेश ने काफी रिसर्च करने के बाद कुछ फलों के बाग लगाने का फैसला किया. उन्होंने खेतों में कीनू, नींबू, बेर, खेजड़ी, खजूर और ऑलिव जैसे पेड़ लगाए. उनका कहना है कि फलों को जैविक तरीकों से उगाना आसान है.
उन्होंने धीरे-धीरे अपने खेतों के कुछ हिस्सों में बाग डेवलप किए. मुकेश ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार की कुछ स्कीम्स से भी बहुत फायदा मिला. जैसे खजूर के सैपलिंग उन्हें सब्सिडी पर मिले.
उन्होंने बागवानी के साथ-साथ, और कई चीजों पर काम शुरू किया. आज उनके पास साहिवाल और गिर जैसी देसी नस्लों की गाय हैं. उनके पास दो घोड़ी भी हैं. साथ ही, कुछ हिस्से में वह मुर्गी पालन करते हैं.
उन्होंने अपने खेतों में बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए एक तालाब बनवाया. साथ ही, इस तालाब में उन्होंने कुछ मछलियां डाल दीं जिससे उन्हें फायदा हो रहा है.
अपनी मुख्य फलों के अलावा, वह इंटरक्रॉपिंग करके मौसमी फल-सब्जी जैसे तरबूज और हल्दी आदि की भी फसल ले लेते हैं. इस तरह की इंटीग्रेटेड फार्मिंग से उन्हें लगातार आय मिलती रहती है.
मुकेश मांजू का कहना है कि वह एग्रो-टुरिज्म की दिशा में आगे बढ़ रहा है. लोग उनके फार्म पर आकर रुकते हैं, खाना खाते हैं और यहीं से अलग-अलग चीजें खरीदकर ले जाते हैं. उनका कहना है कि पिछले 10 सालों में उनके खेतों से कमाई दस गुना बढ़ गई है.