देशभर में रक्षाबंधन पर अलग-अलग हैं परंपराएं

देशभर में रक्षाबंधन की अलग-अलग परंपराएं हैं. कहीं मछुआरों का त्योहार है तो कहीं नई शुरुआत का दिन माना जाता है.

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और यूपी के कुछ हिस्सों में कजरी पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है. इस दिन जौ को सिर पर रखकर यात्रा निकलती है और नदी में विसर्जन किया जाता है.

महाराष्ट्र में राखी के त्योहार के साथ नारली पूर्णिमा भी मनाई जाती है. इस दिन कोली समुदाय के लोग समंदर देवता की पूजा करते हैं.

समुदाय के लोग समंदर देवता को नारियल अर्पित करते हैं. इसके साथ ही मछली पकड़ने की शुरुआत होती है.

गुजरात में रक्षाबंधन के दिन शिव की विशेष पूजा की जाती है, जिसे पवित्रोपना त्योहार कहा जाता है.

ओडिशा में इस दिन को गम्हा पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. घरेलू गाय-बैलों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है.

तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में इसे अवनीअवित्तम और उपाकर्म के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन वैदिक पाठ करने के लिए उत्तम माना जाता है.

नेपाल में राखी का त्योहारा मनाया जाता है. इस दिन नेवार समुदाय के लोग मेंढक को खाना देते हैं. मेंढक को वर्षा देवता का संदेशवाहक माना जाता है.

उत्तराखंड के चंपावत के देवीधुरा गांव में बग्वाल मेले का आयोजन होता है. वाराही देवी मंदिर में जनजातियों के बीच पत्थर से युद्ध होता है.