रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में धुल जाते हैं सारे पाप

भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है रामेश्वरम मंदिर. इस मंदिर को स्थानीय भाषा में रामनाथ स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. 

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग चार धाम में से एक है. इस पवित्र तीर्थ का संबंध भगवान श्रीराम से है. भगवान राम के नाम से ही इस जगह का नाम रामेश्वरम द्वीप और मंदिर का नाम रामेश्वरम पड़ा.

रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है. कहते हैं दक्षिण में रामेश्वरम की महत्ता उत्तर में काशी के समान है. यहां रामनाथस्वामी के रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, रामेश्वरम के कुंड में स्नान के बाद पापों से मुक्ति मिल जाती है. 

कहते हैं यहां मौजूद 24 कुंड (थीर्थम) का पानी इतना गुणकारी है कि इसमें डुबकी लगाने के बाद गंभीर बीमारी भी खत्म हो जाती है.

यहां के थीर्थम का रहस्य आज तक कोई नहीं सलझा पाया. मान्यता है कि श्री राम ने अमोघ बाणों से इन कुंड का निर्माण किया था.

भगवान राम ने रावण की हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए यहां शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा की थी, क्योंकि रावण ब्राह्मण था. 

माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग की विधि-विधान से पूजा करने से ब्रम्ह हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है. 

रामेश्वरम मंदिर का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है. यहां तक आप बहुत ही खूबसूरत रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं.