रतन टाटा ने फंड किए हैं ये स्टार्टअप्स

भारत के टॉप बिजनेसमैन और इंडस्ट्रियलिस्ट, रतन टाटा को किसी परिचय की जरूरत नहीं है. वह सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हैं. 

रतन टाटा को सिर्फ उनके अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दूसरों के स्टार्टअप्स को फंड करने के लिए भी जाना जाता है. 

आज कई ऐसे सफल स्टार्टअप हैं जिन्हें रतन टाटा ने फंड किया है और आज इन्हीं के बारे में हम आपको बता रहे हैं.

रतन टाटा ने 2015 में पेटीएम में निवेश किया था. यह प्लेटफॉर्म पैसे ट्रांसफर करने, बिलों का भुगतान करने, रिचार्ज आदि करने की पेशकश करता है और वर्तमान में, वे डिजिटल गोल्ड लोन भी दे रहे हैं. रतन टाटा ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के लिए लगभग ₹1 करोड़ का निवेश किया था. आज यह कंपनी भारत में अग्रणी फिनटेक स्टार्टअप्स में से एक है

ओला एक यूनिकॉर्न टैग स्टार्टअप कंपनी है और इसकी स्थापना 2010 में हुई थी. यूनिकॉर्न कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी हैं. राइड-शेयरिंग कंपनी निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूके, न्यूजीलैंड और भारत जैसे देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है। रतन टाटा ने साल 2015 में कंपनी में निवेश किया था. 

नेस्टअवे स्टार्टअप 16 से ज्यादा शहरों में लोगों को रूम रेंटल मुहैया कराने का काम करता है. स्टार्टअप बेंगलुरु, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, नोएडा, मुंबई और पुणे सहित भारत के सोलह शहरों में न्यूनतम ब्रोकरेज लागत के साथ किराये के फ्लैट की पेशकश करने का दावा करता है. नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज ने गोल्डमैन सैक्स और प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा की संयुक्त उद्यम फर्म सहित निवेशकों से लगभग ₹332 करोड़ जुटाए हैं. 

कार बेचना पहले कभी आसान नहीं था, लेकिन अब कारदेखो पर आप अच्छी कीमत पर अपना वाहन बेच सकते हैं या कार खरीद सकते हैं. साल 2008 में अमित जैन और अनुराग जैन द्वारा स्थापित, कंपनी में रतन टाटा ने निवेश किया था. 

राणा अथैया ने 2007 में डॉगस्पॉट को शुरू किया था. यह कुत्तों, पक्षियों, मछलियों और अन्य पालतू जानवरों के लिए अग्रणी ऑनलाइन स्टोर में से एक है. रतन टाटा ने इस स्टार्टअप में निवेश किया और इसके बाद स्टार्टअप को आगे बढ़ने में काफी मदद मिली.

बच्चों के कपड़ों और प्रोडक्ट्स के लिए प्रतिष्ठित ब्रांड्स में से एक है फर्स्ट क्राई, जो भारत के पुणे में स्थित है. इसकी स्थापना 2010 में सुपम माहेश्वरी और अमिताव साहा ने की थी. इस स्टार्टअप को भी रतन टाटा से फंडिंग मिली है.