जानें क्या है क्लीन नोट पॉलिसी?

भारतीय रिज़र्व बैंक 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस ले रहा है. हालांकि यह लीगल टेंडर में बना रहेगा.

अगर आपके पास भी 2 हजार का नोट है तो आप 30 सितंबर 2023 तक बैंक जाकर एक्सचेंज करा सकते हैं.

सरकार का ये फैसला नोटबंदी से अलग है. 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है.  

आप 2 हजार के नोटों को 23 मई, 2023 से बैंकों में जाकर बदलवा सकते हैं. हालांकि इसकी सीमा 20 हजार प्रतिदिन है.

आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 को 2000 रुपये के नोटों को चलन में लाया गया था.

उस समय 500 और 1000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने के बाद इसे चलन में लाया गया था.  

आरबीआई ने आमजन तक अच्छी गुणवत्ता के नोट मुहैया कराने के लिए 1988 में 'क्लीन नोट पॉलिसी' लेकर आई थी.

यह पॉलिसी देश में जाली नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम लगाने के लिए पेश की गई थी. इस पॉलिसी का देश की अर्थव्यवस्था पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा था.

क्योंकि इससे लोगों को पुराने नोट बैंकों में जमा करने और उसके बदले नए नोट लेने को मजबूर होना पड़ा था. नोटों को सर्कुलेशन में बनाए रखने के लिए यह पॉलिसी काफी अहम थी.

आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 27 में कहा गया है कि कोई भी शख्स किसी भी तरीके से नोटों को ना तो नष्ट करेगा और ना ही उससे किसी तरह की छेड़छाड़ करेगा.

इसका मकसद नोटों को सर्कुलेशन में बनाए रखने के साथ-साथ साफ-सुथरा रखना भी था. डिजिटल पेमेंट को अधिक सुरक्षित बनाने के आरबीआई के प्रयासों के तहत नई क्लीन नोट पॉलिसी लाई गई थी.