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प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है. इस मेले का समापन 26 फरवरी को होगा.
महाकुंभ के दौरान साधु-संत सहित करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं.
आखिर क्यों श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाते हैं और क्या है इसका महत्व. आइए जानते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान पवित्र संगम में स्नान करने से पाप मिटते हैं और आत्मा शुद्ध होती है.
बहुत से लोग महाकुंभ में डुबकी मोक्ष प्राप्त करने के लिए लगाते हैं.
कुंभ मेला पीढ़ियों से चली आ रही प्राचीन परंपराओं से भरा हुआ है. नदियों के संगम पर डुबकी लगाने से आप उन लाखों लोगों से जुड़ जाते हैं, जिन्होंने सदियों से इस पवित्र काम में भाग लिया है.
कुंभ मेले में पूरे भारत से साधु, संत और आध्यात्मिक गुरु आते हैं. इन पवित्र व्यक्तियों के साथ संगम में पवित्र स्नान में भाग लेने से आप एक आध्यात्मिक समुदाय का हिस्सा बन सकते हैं.
कई भक्त पवित्र डुबकी लगाने के बाद मानसिक शांति प्राप्त करते हैं. डुबकी लेने के बाद मन से नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है.
महाकुंभ मेला सामूहिक आस्था का पर्व है. लाखों भक्तों के साथ पवित्र स्नान करने से एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है.
महाकुंभ के दौरान 13 जनवरी, 14 और 29 जनवरी के साथ 2 फरवरी, 12 और 26 फरवरी को शाही स्नान के शुभ संयोग हैं.