Republic Day Special: संविधान के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप

भारतीय संविधान पहली बार 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ. इसी उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. 

हमारे देश के संविधान से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जो आप सबको जानने चाहिए. 

भारतीय संविधान किसी भी संप्रभु देश की तुलना में दुनिया का सबसे लंबा संविधान है. इसमें एक प्रस्तावना, 22 भाग, 448 लेख, 12 अनुसूचियां, 5 परिशिष्ट और 115 संशोधन अपने वर्तमान स्वरूप में हैं. 

भारतीय संविधान में कई प्रावधान दूसरे देशों के संविधान से लिए गए हैं. इसलिए इसे 'Bag of Borrowings' यानी उधार का थैला भी कहते हैं. 

प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने मूल भारतीय संविधान को सुंदर सुलेख के साथ इटैलिक शैली में हस्तलिखित किया था. उन्होंने इसके लेखन को पूरा करने में छह महीने लिए. 

इस काम के लिए प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने कोई फीस नहीं ली बल्कि संविधान के हर पन्ने पर अपना नाम और आखिरी पन्ने पर अपने दादा का नाम लिखने की इजाजत मांगी. 

भारतीय संविधान के लागू होने के बाद, भारतीय महिलाओं को मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ. पहले, उन्हें इस अधिकार से वंचित कर दिया गया था, और केवल पुरुषों को वोट देने की अनुमति थी. 

संविधान की मूल प्रतियां संसदीय पुस्तकालय में रखी जाती हैं. इन्हें हीलियम से भरे एक बॉक्स में रखा जाता है और नेफ़थलीन गेंदों के साथ फलालैन के कपड़े में लपेटा जाता है.

भारतीय संविधान को बनाने में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. इसमें कुल खर्च 64 लाख रुपए आया था.