शिवलिंग की पूजा करने का सही नियम

शिवजी की पूजा में दो वस्तुओं का विशेष महत्व है- जल और बेलपत्र. 

इन दोनों ही वस्तुओं से शिव जी की विधिवत पूजा की जा सकती है .

इसके अलावा कच्चा दूध , सुगंध, गन्ने का रस , चन्दन से भी शिव जी का अभिषेक किया जाता है.

शिव जी को कभी भी सेमल,जूही,कदम्ब और केतकी अर्पित नहीं करनी चाहिए.  

कुछ भी अर्पित करते समय ये ख्याल रखें कि शिवलिंग पर जलीय पदार्थ अर्पित करते समय उसकी धारा बनाकर अर्पित करना चाहिए.

इसके साथ ही ठोस पदार्थ अर्पित करते समय , दोनों हाथों से उसे शिवलिंग पर लगाएं.

शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करें, अंत में जल जरूर अर्पित करें.

शिवलिंग पर तामसिक चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए , साथ ही मारण प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.

शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरुप मना जाता है. शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है.

शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं. मान्यता है कि शिवलिंग कि उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती है.

स्वयंभू शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है और फलदायी भी.