दुनियादारी के मायने सिखाते हैं साहिर लुधियानवी के  ये मशहूर शेर 

साहिर लुधियानवी बहुत ही प्रसिद्ध शायर, और गीतकार थे. उनकी शायरी को आज भी देश-दुनिया में पसंद किया जाता है. 

उनकी शायरी प्रेम, समाज और दुनियादारी के ओत-प्रोत रही. शायद इसलिए आज की पीढ़ी भी उनके लेखन से इत्तेफाक रखती है.

उनके कुछ शेर आज हम आपको बता रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपका नजरिया बदल जाएगा. 

"वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा." - साहिर लुधियानवी 

"हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया." - साहिर लुधियानवी

"तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूं." - साहिर लुधियानवी

"देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से." - साहिर लुधियानवी

"कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया." - साहिर लुधियानवी

"मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया." - साहिर लुधियानवी