वनलाइनर्स के बादशाह थे हरिशंकर परसाई

हिंदी के सबसे बड़े व्यंग्यकारों में हरिशंकर परसाई की गिनती होती है. चलिए उनके 10 सबसे बेहतरीन वनलाइनर्स आपके सामने रखते हैं.

लड़कों को, ईमानदार बाप निकम्मा लगता है.

दिवस कमजोर का मनाया जाता है. जैसे महिला दिवस, अध्यापक दिवस, मजदूर दिवस. कभी थानेदार दिवस नहीं मनाया जाता.

जो पानी छानकर पीते हैं, वो आदमी का खून बिना छना पी जाते हैं.

बेइज्जती में अगर दूसरे को भी शामिल कर लो, तो आधी इज्जत बच जाती है.

अच्छी आत्मा फोल्डिंग कुर्सी की तरह होनी चाहिए. जरूरत पड़ी तब फैलाकर बैठ गए, नहीं तो मोड़कर कोने से टिका दिया.

अर्थशास्त्र जब धर्मशास्त्र के ऊपर चढ़ बैठता है, तब गोरक्षा आंदोलन के नेता जूतों की दुकान खोल लेते हैं.

अश्लील पुस्तकें कभी नहीं जलाई गईं. वे अब अधिक व्यवस्थित ढंग से पढ़ी जा रही हैं.

इस कौम की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने में जा रही है.

जो कौम भूखी मारे जाने पर सिनेमा में जाकर बैठ जाए, वह अपने दिन कैसे बदलेगी.

इस देश के बुद्धिजीवी शेर हैं, पर वे सियारों की बारात में बैंड बजाते हैं.

अमेरिकी शासक हमले को सभ्यता का प्रसार कहते हैं. बम बरसते हैं तो मरने वाले सोचते हैं, सभ्यता बरस रही है.

दुनिया में भाषा अभिव्यक्ति के काम आती है. इस देश में दंगे के काम आती है.