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सावन को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. इस महीने में उनकी पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होता है.
ऐसी मान्यता है कि सावन में किए गए स्नान, दान, पुण्य और पूजा-अर्चना से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
भगवान शिव का जलाभिषेक तो भक्तजन हर सोमवार करते हैं लेकिन सावन में रुद्राभिषेक करने की खास मान्यता है.
रुद्राभिषेक भगवान शिव का एक खास अनुष्ठान है जिसमें मंत्राच्चार करते हुए शुद्ध दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है.
रुद्राभिषेक पूजा भक्तों को उनके सभी उद्देश्यों को पूरा करने और बिगड़े हुए कामों को साधने में मदद करती है. यह नकारात्मकता, शत्रुओं और बुराई से बचाती है.
रुद्र अभिषेक पूजा से अंदर और बाहर, दोनों तरह से शांति की प्राप्ति होती है. यह परमानंद और ख़ुशी की स्थिति में आपको ले जा सकती है.
रुद्राभिषेक व्यक्ति को बुरी ऊर्जा, श्राप और बुरी नजर से बचाता है. यह स्वयं को पिछले कर्मों से मुक्त करता है और व्यक्ति की कुंडली से सभी दोषों को समाप्त करता है.
रुद्राभिषेक भक्तजन की सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है और उनके जीवन में खुशहाली लाता है.
रुद्राभिषेक आंतरिक दृढ़ता को भी प्रोत्साहित करता है ताकि व्यक्ति को जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहे.