शिव और शक्ति को समर्पित है दूसरा ज्योतिर्लिंग, जानें महत्व
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में है.
यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती दोनों को समर्पित है.
यह दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन मंदिर या श्रीशैलम मंदिर में है. यह मंदिर कृष्णा नदी के किनारे एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग इस मायने में विशेष है कि यह एक ज्योतिर्लिंग और शक्ति पीठ दोनों हैं - भारत में ऐसे केवल तीन मंदिर हैं.
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अमावस्या पर अर्जुन के रूप में और पूर्णिमा पर देवी पार्वती मल्लिका के रूप में प्रकट हुए थे, और इसलिए उनका नाम मल्लिकार्जुन पड़ा.
यह मंदिर अपने ऊंचे टावरों और सुंदर नक्काशी के साथ वास्तुकला का एक नमूना है. यह ऊंची दीवारों से भी घिरा हुआ है जो इसे मजबूत बनाती है.
भक्तों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन करने से उन्हें धन और प्रसिद्धि मिलती है.
ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने खुद को मधुमक्खी में बदलकर राक्षस महिषासुर से युद्ध किया था।.
भक्तों का मानना है कि आज भी भ्रामराम्बा मंदिर के एक छेद से यहां मधुमक्खी की भिनभिनाहट सुनाई देती है!