भारत का मून मिशन चंद्रयान 3 चांद पर 14 दिन रहेगा. इस दौरान रोवर प्रज्ञान सतह पर उतरेगा.
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दुनियाभर के वैज्ञानिक चंद्रमा पर हवा, पानी और पौधे उगाने की प्लानिंग कर रहे हैं. हालांकि अभी इसमें कोई खास सफलता नहीं मिली है.
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चांद पर वायुमंडल और सांस लेने के लिए हवा नहीं है. इसलिए वैज्ञानिक चांद पर एयर रिसाइकल सिस्टम पर काम कर रहे हैं.
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वैज्ञानिक ऑक्सीजन देने वाले पौधों को चांद पर लगाने की तैयारी कर रहे हैं.
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मई 2022 में फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के नमूनों में बीजों से सफलतापूर्वक पौधे उगाए. यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसमें ये पाया गया कि चंद्रा की मिट्टी में पौधे उगाए जा सकते हैं.
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अब वैज्ञानिक चंद्रमा की मिट्टी में पौधों की वृद्धि को और भी बेहतर बनाने में जुटे हैं, ताकि इसे चंद्रमा के कठोर वातावरण, तापमान में उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके.
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चंद्रमा पर पौधों को उगाने में सबसे बड़ी चुनौती मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है. इससे निपटने के लिए वैज्ञानिक मिट्टी को पोषक तत्वों से समृद्ध करने के तरीके पर काम कर रहे हैं.
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चांद पर कुछ चट्टानों पर पानी के कण जरूर मिले थे, लेकिन यह बर्फ के रूप में हैं.
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चीन के रोबोटिक Chang'e-5 मिशन में धरती पर चांद की मिट्टी लाई गई थी. जिसकी जांच से पता चला कि कांच के गोलों के भीतर पानी के अणु मौजूद हैं.
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वैज्ञानिकों को इन कांच के गोलों से पानी मिलने की उम्मीद है. इन गोलों को गर्म करके उनमें जमा पानी को प्राप्त कर सकते हैं.
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