प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन किए. चलिए इस मंदिर के रहस्यों के बारे में बताते हैं.
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वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति का पिछला हिस्सा अनोखा है. यह हमेशा नम रहता है. इस मूर्ति के पीछे ध्यान लगाकर सुनें तो समंदर की लहरों की आवाज आती है.
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बालाजी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं. कहा जाता है कि यह बाल हमेशा मुलायम और सुलझे रहते हैं.
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हर गुरुवार को भगवान की मूर्ति को सफेद चंदन का लेप लगाया जाता है, लेकिन जब इस लेप को हटाया जाता है तो मूर्ति में माता लक्ष्मी के चिन्ह बने रहते हैं.
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इस मंदिर में जो भी फूल और तुलसी भक्त चढ़ाते हैं, उसे वापस नहीं किया जाता है. इन फूलों को मंदिर के एक कुएं में डाल दिया जाता है.
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इस मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है, लेकिन आज तक ये बात किसी को पता नहीं चली कि इस दीए को कब जलाया गया था.
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बालाजी की मूर्ति पर पचाई कपूर्रम चढ़ाया जाता है, जो कपूर से मिलकर बना होता है. अगर इसे किसी साधारण पत्थर पर चढ़ाया जाएगा तो वो चटक जाएगा. लेकिन मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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बालाजी की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित है, लेकिन मंदिर के बाहर से देखने पर ये मंदिर में दाईं तरफ दिखाई देगी.
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मंदिर से 23 किमी दूर एक गांव है, जहां से इस मंदिर में चढ़ाने के लिए फूल, फल, दही, घी, दूख, मक्खन लगाया जाता है. इस गांव में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जाता है.
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