एक उम्र के बाद सभी लोग मैच्योर हो जाते हैं.
अपने पुराने अनुभवों से सीखना, खुद में बदलाव लाना मैच्योरिटी की निशानी है.
लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो उम्र के साथ भी मैच्योर नहीं हो पाते हैं.
ऐसे में कई ऐसी निशानी हैं जो बताती हैं कि आप मैच्योर नहीं हैं.
आप लोगों से ज्यादा उम्मीद रखते हैं. ऐसा करना मैच्योरिटी की निशानी नहीं है.
आप लोगों को अपनी सारी बातें बताते हैं. ऐसा करने से बचें.
आप अपने दोस्त बुद्धिमानी से नहीं चुनते और बाद में धोखा खाते हैं.
आप अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं रख पाते हैं.
आप हर बात पर रिएक्ट करते हैं.