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होली का त्योहार न सिर्फ रंगों का बल्कि रिश्तों की मिठास बढ़ाने का भी अवसर होता है.
शादी के बाद दामाद की पहली होली को लेकर ससुराल और मायके दोनों पक्षों में उत्साह रहता है.
परंपरागत रूप से, भारत में यह मान्यता है कि दामाद की पहली होली ससुराल में मनाई जाती है.
ससुराल में पहली होली मनाने से दामाद और नए परिवार के बीच संबंध मजबूत होते हैं.
हालांकि, कई परिवारों में यह निर्णय दामाद और उनके परिवार की सुविधा के अनुसार लिया जाता है.
कुछ परिवारों में यह भी परंपरा होती है कि दामाद पहले अपने घर पर होली मनाए और फिर ससुराल जाए.
अगर परिवारों के बीच दूरी ज्यादा हो तो दामाद को जहां अधिक सुविधा हो, वहां होली मनाने की अनुमति दी जाती है.
सबसे जरूरी यह है कि यह फैसला आपसी सहमति और खुशी से लिया जाए, ताकि किसी को बुरा न लगे.
दामाद चाहे ससुराल में होली मनाए या अपने घर पर, प्यार और सम्मान दोनों जगह बनाए रखना जरूरी है.
आखिरकार, होली का असली मकसद रिश्तों में मिठास घोलना और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटना है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.