देश को तिरंगा देने वाले पिंगली वेंकैया की खास बातें

पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को ब्रिटिश भारत में मद्रास प्रेसीडेंसी के भाटलापेनुमारु में हुआ था.

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उनके पिता का नाम हनुमंतरायुडु और मां का नाम वेंकटरत्नम्मा था. उन्होंने मछलीपट्टनम में हिंदू हाई स्कूल से पढ़ाई की थी.

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मद्रास से अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए थे.

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वेंकैया महज 19 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सेना नायक बन गए थे. सेना में रहते दक्षिण अफ्रीका में एंग्लो-बोअर युद्ध के बीच महात्मा गांधी से उनकी मुलाकात हुई थी.

कहते हैं कि गांधीजी से मिलकर वो इतने प्रभावित हुए थे कि हमेशा के लिए भारत लौट आए और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे.

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पिंगली वेंकैया देश के लिए कुछ करना चाहते थे, उन्होंने महात्मा गांधी को बताया था कि अपना राष्ट्रीय ध्वज कैसा होना चाहिए.

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इसके बाद गांधी जी ने पिंगली को राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन करने की अनुमति दी थी. पिंगली वेंकैया ने साल 1916 से लेकर 1921 तक दुनियाभर के देशों के झंडों का अध्ययन किया था.

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इसके बाद साल 1921 में उन्होंने भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन तैयार किया था .वहीं, साल 1931 में तिरंगे के डिजाइन के प्रस्ताव को पास किया गया था.

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