हिंदू वैदिक ज्योतिष में पूर्ण सूर्य ग्रहण को खग्रास कहा जाता है, जिसका बहुत ज्यादा महत्व होता है.
Source - Unsplash
ग्रहण से बारह घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है. लेकिन सूतक काल का प्रभाव सिर्फ उन्हीं जगहों पर होता है जहां ग्रहण दिखता है.
Source - Unsplash
सूतक काल के दौरान प्रार्थना करना, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना और शुभ कार्य करने से मना किया जाता है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.
Source - Unsplash
ग्रहण काल के दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए और न ही किसी मंदिर में प्रवेश करना चाहिए.
Source - Unsplash
इस दौरान खाना बनाना या खाना मना होता है और मंदिर बंद रहते हैं.
Source - Unsplash
हालांकि, अगर आप बीमार हैं या अत्यधिक बुजुर्ग या बालक हैं तो आप खाना खा सकते हैं.
Source - Unsplash
सूतक काल के दौरान लोगों को मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए.
Source - Unsplash
सूर्य ग्रहण के बाद घर के आसपास के वातावरण को शुद्ध करने के लिए गंगा जल छिड़कना चाहिए और पानी में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान भी करना चाहिए.
Source - Unsplash
आपको बता दें कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि ग्रहण का प्रभाव उनके बच्चे पर पड़ सकता है.
Source - Unsplash