बड़े लोगों को क्यों पसंद आते हैं दुनिया के ये 5 देश
दुनिया में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती ही जा रही है. इसका एक कारण है टैक्स की चोरी.
कुछ अरबपतियों के पास अथाह धन होने के बावजूद वो उसे डिक्लेयर नहीं करते और टैक्स चोरी करने की जुगत में रहते हैं.ऐसे में उनकी मदद करते हैं टैक्स हेवन देश जो उन्हें उनकी दौलत को छुपाने में मदद करते हैं.
Tax Haven वो देश होते हैं जो दूसरे देशों के अमीरों को अपने यहां अपनी अथाह दौलत को मामूली टैक्स लेकर या फिर बिना किसी टैक्स के छुपाने में मदद करते हैं.
टैक्स हेवन देश किसे कहते हैं?
लक्ज़मबर्ग एक छोटा-सा यूरोपीय देश है जहां बिज़नेस करना बहुत आसान है. ये देश यहां पैसा इनवेस्ट करने के लिए उन्हें कम Tax या Zero Tax ऑफ़र भी देता है.
लक्ज़मबर्ग
कहते हैं कि ये द्वीप अपनी अर्थव्यवस्था की तुलना में 5,000 गुना अधिक मूल्य रखता है. इसका श्रेय टैक्स चोरी करने की जुगत में यहां पहुंचने वाले कॉर्पोरेट्स को जाता है.
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स
ये विदेशी खाताधारकों पर कोई टैक्स नहीं लगाता.
Cayman Islands उन देशों में से हैं जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश कर अपना कर बचाने आती हैं.
केमन द्वीपसमूह
ये अपने कस्टमर्स को बिना कर या मामूली कर के साथ इन्वेस्टमेंट करने की अनुमति देता है. हेज़ फ़ंड प्रबंधकों को सबसे अधिक लाभ यहीं मिलता है.
पनामा के कर क़ानूनों के अनुसार, देश में कमाए गए पैसे पर टैक्स तो देना होता है पर विदेश से अर्जित आय पर नहीं.
पनामा
इसका फ़ायदा बहुत से लोग उठाते हैं. इसी गोपनीयता के चलते पैनामा भी बेस्ट टैक्स हेवन देश बन चुका है.
ये द्वीप समूह कर चुराने वालों के लिए स्वर्ग से कम नहीं. यहां इनवेस्ट करने पर कोई कर नहीं देना पड़ता और न ही पैसे बैंक में जमा करने पर कोई टैक्स लगता है.
बरमूडा
Bermuda भले ही इनसे कमाई करता हो, लेकिन कॉरपोरेट्स इसके लचीले सिस्टम का सबसे अधिक फायदा उठाते हैं.