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केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की सैलरी में 24 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब हर महीने 1.24 लाख रुपए सैलरी मिलेगी.
अब सवाल उठता है कि क्या ये सांसद अपनी सैलरी पर टैक्स देते हैं? चलिए आपको बताते हैं.
सांसदों को इनकम टैक्स देना होता है. दरअसल सांसद किसी के कर्मचारी नहीं होते है. इसलिए उनके लिए अलग व्यवस्था होती है.
संसद के सदस्यों की कमाई को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स में गिना जाता है और उस पर टैक्स लगता है. हालांकि पूरी कमाई पर टैक्स नहीं लगता है.
सांसदों को जो सैलरी मिलती है, उस पर उनको टैक्स देना होता है. जबकि जो भत्ते होते हैं, उन्हें इनकम टैक्स में छूट होती है.
सांसदों को मिलने वाले डेली अलाउंस, सीट के लिए मिलने वाले अलाउंस और ऑफिस भत्तों को इनकम टैक्स से दूर रखा जाता है.
सांसदों को जो 1.24 लाख सैलरी मिलेगी. उस पर उनको टैक्स देना होगा. इसके अलावा कुछ अलाउंस पर भी टैक्स लगता है, इसमें सामान्य भत्ते शामिल नहीं हैं.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को अपनी सैलरी पर टैक्स देना होता है. भारत में सिक्किम सिर्फ एक ऐसी जगह है, जहां पर लोगों को टैक्स नहीं देना होता है.
सांसदों की नई सैलरी का नियम एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा. केंद्र सरकार ने भत्ते और पेंशन में भी इजाफा किया है.