Photos: Unsplash/Meta AI
हर एक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है. यह एक स्वतंत्र देश होने का संकेत है. भारत का राष्ट्रीय ध्वज है तिरंगा.
तिरंगे के लिए हर भारतीय के दिल में अपार प्रेम और सम्मान है.
ऐसे में हमें पता होना चाहिए कि तिरंगे के साथ क्या करना है और क्या नहीं.
1. जब भी तिरंगा फहराया जाए तो उसे सम्मान का स्थान देना चाहिए. उसे स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए.
टूटा/फटा या अस्त-व्यस्त झंडा प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए.
2. झंडे को उल्टा प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए. यानी सैफरन पट्टी नीचे और हरी ऊपर नहीं होनी चाहिए.
3. किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नहीं डुबाना चाहिए.
4. किसी भी अन्य झंडे या झंडे को तिरंगे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके अगल-बगल नहीं लगाया जाना चाहिए.
5. फूल, माला या प्रतीक जैसी कोई भी चीज उस ध्वजस्तंभ पर या उसके ऊपर नहीं रखी जानी चाहिए जहां से झंडा फहराया जाता है.
6. झंडे का उपयोग किसी भी तरह की सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
7. राष्ट्रीय ध्वज को जमीन, फर्श या पानी में छूने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
8. झंडे को किसी अन्य झंडे या झंडों के साथ एक साथ नहीं फहराया जाना चाहिए.
9. तिरंगे का उपयोग कमर के नीचे पहने जाने वाली पोशाक या वर्दी या किसी भी तरह के सहायक उपकरण के तौर पर नहीं होना चाहिए.
10. झंडे पर कुछ लिखा नहीं जाना चाहिए. इसका उपयोग किसी भी वाहन के किनारे, पीछे या छत को ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
11. जब तिरंगे को दीवार पर लगाया जाता है तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए.
12. जब तिरंगे को किसी भवन की देहली या बालकनी पर क्षैतिज रूप से या एक कोण पर निकले डंडे से टांगा जाए तो केसरिया पट्टी डंडे के सबसे दूर वाले छोर पर होनी चाहिए.