चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

चुनाव आयोग ने वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का फैसला किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक में फैसला किया गया.

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह प्रोसेस पूरी तरह से संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत ही होगा.

आयोग के मुताबिक वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत होगी.

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आधार कार्ड सिर्फ पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं.

आयोग का कहना है कि आधार से लिंक करने की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि सिर्फ भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में दर्ज हों.

आयोग ने कहा कि संविधान के मुताबिक मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही मिल सकता है.

आयोग का कहना है कि इस प्रोसेस को कानूनी दायरे में रखा जाएगा और सुप्रीम कोर्ट के सिविल के फैसले के अनुरूप आगे बढ़ाया जाएगा.

चुनाव आयोग और आधार कार्ड जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई के तकनीकी एक्सपर्ट जल्द ही इसपर काम शुरू करेंगे.

आयोग के मुताबिक इस पूरे प्रोसेस को साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए किया जाएगा, ताकि नागरिकता से जुड़ा भ्रम ना फैले.