देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घरानों में से एक गोदरेज फैमिली में 127 साल बाद बंटवारा हो रहा है. ग्रुप को 2 हिस्सों में बांटने का समझौता हुआ है.
कंपनी का एक हिस्सा आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर को मिलेगा. जबकि दूसरा हिस्सा उनके चचेरे भाई-बहन जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा को मिलेगा.
गोदरेज ग्रुप की स्थापना अर्देशियर गोदरेज और उनके छोटे भाई पिरोजशा गोदरेज ने साल 1897 में की थी. अर्देशियर गोदरेज की कोई संतान नहीं थी.
पिरोजशा के 4 बेटे शोराब, दोसा, बुरजोर और नवल हुए. इसमें से शोराब की कोई संतान नहीं थी.
दोसा का पुत्र रिशद ने कंपनी चलाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. वो फोटोग्रॉफी के शौकीन थे. उनकी भी कोई संतान नहीं हुई.
बुरजोर के बेटे आदि गोदरेज और नादिर गोदरेज हैं. जबकि नवल के बच्चे जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं.
आदि गोदरेज के तीन बच्चे हैं. जिनके नाम तान्या, साबा और पिरोजशा है. नादिर के भी तीन बच्चे हैं. उनके नाम बुरजिस गोदरेज, शोराब गोदरेज और होरमुसजी हैं.
आदि गोदरेज के तीनों बच्चे बिजनेस से जुड़े हैं. जबकि नादिर के बड़े बेटे बुरजिस ऐग्रोवेट, दूसरे बेटे शोराब गोदरेज इंडस्ट्रीज का कामकाज देखते हैं. तीसरे बच्चे का बिजनेस से लगाव नहीं है.
जमशेद गोदरेज के दो बच्चे राइका और नवरोज हैं. जबकि स्मिता गोदरेज के दो बच्चे फ्रेयन और नायरिका हैं.
जमशेद परिवार की होल्डिंग कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के चेयरमैन हैं. जबकि नवरोज इस कंपनी में नॉन-एग्जिक्युटिव डायरेक्टर हैं. राइका अभी बिजनेस से नहीं जुड़ी हैं.
स्मिता गोदरेज फैमिली कारोबार से नहीं जुड़ी हैं. लेकिन उनके पति विजय कृष्ण और बेटी नायरिका बिजनेस से जुड़ी हैं.