नाम में 'पुर' या 'आबाद' होने की ये हैं वजह

Image Credit: Meta AI

कई शहरों के नाम के पीछे पुर या बाद लगा होता है. जैसे जयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद, इलाहाबाद. क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे क्या वजह है?

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ये शब्द केवल नाम नहीं हैं. बल्कि ये उस जगह की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान है.

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इन शब्दों के पीछे प्राचीन काल के राजाओं, रजवाड़ों और संस्कृति की कहानी छिपी है. चलिए बताते हैं कि इसका मतलब क्या है और ये शब्द क्यों जोड़े जाते हैं.

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'पुर' शब्द संस्कृत से लिया गया है. जिसका मतलब नगर या शहर होता है. इसे प्राचीन भारत में नगरों या महत्वपूर्ण बस्तियों के नाम के अंत में जोड़ा जाता था.

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ऐसे कई प्राचीन शहर जो राजा-महाराजाओं ने बसाए थे और उस शहर को खुद के नाम पर रखते थे. इसलिए अपने नाम के आगे पुर जोड़ देते हैं. जैसे जयपुर को महाराजा सवाई जय सिंह ने बसाया. उन्होंने अपने नाम जय के आगे पुर जोड़ दिया.

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'पुर' का इस्तेमाल यह बताता है कि यह जगह उस समय बस्ती या नगर था. इसलिए पुरानी सभ्यताओं में प्रतिष्ठित नगरों में इसे जोड़ा गया.

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कई शहर के नाम के अंत में 'आबाद' जोड़ा गया है. ये शब्द फारसी भाषा से लिया गया हैं जिसका अर्थ 'बसाया गया' या 'एक ऐसी जगह, जिसके किनारे पानी हो' होता है.

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हालांकि मुगल काल में बादशाहों ने अपने नाम पर शहर का नाम रखने लगे. इसलिए वो अपने नाम के आगे 'आबाद' जोड़ देते थे. अहमदाबाद, मुरादाबाद जैसे शहरों के नाम ऐसे ही पड़े हैं.

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'गंज' शब्द की उत्पत्ति इंडो ईरानियन लैंग्वेज के ग्रुप में मीडियन लैंग्वेज में देखने को मिलती है. उस समय इस जगह को खजाना रखने वाली जगह के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

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