Nobel Prize: अब तक इन भारतीयों को मिल चुका है नोबेल पुरस्कार
भारत में कई लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों जैसे साहित्य, मेडिसिन, अर्थशास्त्र और सोशल वर्क आदि के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
भारत में सबसे पहला नोबेल पुरस्कार साल 1913 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को उनके साहित्य के लिए मिला. वह इस पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय थे.
सर सीवी रमन को साल 1930 में रोशनी यानी लाइट के कणों के बिखराव का विस्तृत वर्णन और वजह बताने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था.
साल 1968 में हर गोबिंद खुराना को नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्हें जेनेटिक कोड और उसके प्रोटीन सिंथेसिस में भूमिका के लिए नोबेल मिला था.
मदर टेरेसा का जन्म भले है मेसिडोनिया में हुआ और उनके माता-पिता अल्बानिया से थे. लेकिन उन्हें भारत में उनके काम के लिए साल 1979 शांतिक्षेत्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
साल 1983 में एस चंद्रशेखर को फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार मिला. उन्होंने सितारों के विकास और संरचना पर अपने विचार रखे थे.
साल 1998 में भारतीय मूल के अमर्त्य सेन पहले अर्थशास्त्री बने जिन्हें लोक कल्याण अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
भारतीय मूल के सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल को फिक्शन और नॉन-फिक्शन लेखन के लिए साल 2001 में नोबेल पुरस्कार दिया गया.
वेंकटरमन रामकृष्णन को राइबोसोम की संरचना और कार्य के अध्ययन में उनके काम के लिए रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2009 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
कैलाश सत्यार्थी को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए शांति के क्षेत्र में 2014 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अभिजीत बनर्जी एक इंडो-अमेरिकन हैं जिन्हें 2019 में आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें अपनी पत्नी एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मिशेल क्रेमर के साथ आर्थिक विज्ञान में नोबेल मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.