हैरान कर देंगे जगन्नाथ मंदिर से जुड़े ये रहस्य

हिन्दुओं की प्राचीन और पवित्र 7 नगरियों में पुरी उड़ीसा के समुद्री तट पर बसा है. जगन्नाथ मंदिर विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है.

पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है. यहां जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजमान हैं.

यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा की अधूरी मूर्तियां विराजमान है और वह भी लकड़ी की.

यह भारत का सबसे भव्य और ऊंचा मंदिर है. यह मंदिर 4 लाख वर्गफुट में क्षेत्र में फैला है और इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है.

श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर स्थापित लाल ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है.

मंदिर के पास खड़े रहकर इसका गुंबद देख पाना असंभव है. मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है.

पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा.

समुद्र के करीब होने के बाद भी मंदिर के अंदर समुद्र की लहरों की आवाज नहीं आती है. कहते हैं कि इस मंदिर की रक्षा का दायित्व प्रभु जगन्नाथ ने हनुमान जी को सौंपा हुआ है.

मंदिर के ऊपर गुंबद के आसपास अब तक कोई पक्षी उड़ता हुआ नहीं देखा गया.