भगवान श्रीकृष्ण के ये उपदेश देते हैं जीवन में सफल होने के संदेश

हर इंसान में कोई न कोई खूबी जरूर होती है. बस जरूरत होती है अपने अंदर छिपे हुए हुनर को पहचानने की.

जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.

हमें खराब हालातों में हार मानने के बजाए उनका सामना करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से ही हमारे मन में बैठा डर खत्म होगा.

जीवन में हार-जीत लगी रहती है लेकिन सफलता सिर्फ उसी व्यक्ति को मिलती है जो अपनी गलतियों और हार से सीख लेकर आगे बढ़े. 

किसी भी परिस्थितियों से लड़ने के लिए उसके लिए एक बेहतर रणनीति बनाना जरूरी है. बिना रणनीति के आप हर मोर्चे पर कामयाब नहीं हो पाएंगे.

जीवन में सफल बनने के लिए व्यर्थ की चिंता के साथ भविष्य के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए. हमें हमेशा अपने वर्तमान को बेहतर बनाना चाहिए.  

जीवन में आगे बढ़ने के लिए और अलग पहचान बनाने के लिए यदि क्रांतिकारी बनना पड़े तो इससे पीछे न हटें. कहने का मतलब ये है कि जरूरत के हिसाब से खुद में बदलाव करें.

क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है.

किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े.

कोई भी खास काम के सफल होने पर ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए. ऐसा करने से गलती होने की आशंका बढ़ जाती है.