विवेकानंद ने कहा था-खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी.
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.
जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है.
दिल और दिमाग में जब लड़ाई हो तो दिल की सुनो.
किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है.
उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.