अमूल अपनी बेस्ट प्रोडक्ट क्ववालिटी से देश में नंबर वन डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी बनी हुई है.
कंपनी ने 1945-46 में कारोबार शुरू किया था. इसकी शुरुआत बॉम्बे मिल्क स्कीम के साथ हुई थी.
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सहकारी योजना की नींव रखी थी. उसके बाद 14 दिसंबर 1946 को सहकारी सोसाइटी के तौर पर इसका रजिस्ट्रेशन हुआ.
शुरुआत में कंपनी की क्षमता 250 लीटर प्रति दिन की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब कंपनी रोजाना 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है.
देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर करने के साथ ही किसानों की दशा सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन ने इसकी शुरुआत की.
कुरियन को 'भारत का मिल्कमैन' भी कहा जाता है. एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ.
कुरियन ने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की. साल 1949 में उन्होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की.
भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे. इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था.
अमूल का बटर देश में मार्केट लीडर है. उसके पास कुल 85 फीसदी मार्केट शेयर है. वहीं, पाउच मिल्क के मामले में मार्केट शेयर 25 फीसदी है.
पनीर सेगमेंट में अमूल का मार्केट शेयर 80 फीसदी है. वहीं, आइसक्रीम सेगमेंट में अमूल के पास 40 फीसदी मार्केट शेयर है.
अमूल का “Utterly Butterly campaign” सबसे ज्यादा चलने वाला विज्ञापन था और इसको गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था.