तिहाड़ जेल में हुए गैंगवार में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई. वह मर्डर जैसे 19 गंभीर केसों में नामजद था.
रिपोर्ट के अनुसार गैंगस्टर जितेंद्र गोगी गैंग से जुड़े 4 कैदियों ने टिल्लू पर लोहे की ग्रिल से ताबड़तोड़ 40 हमले किए. जिसमें उसकी मौत हो गई.
जितेंद्र गोगी वही है जिसकी 2021 में रोहिणी कोर्ट में जज के सामने हत्या कर दी गई. गोगी की हत्या में टिल्लू ताजपुरिया का नाम आया.
दोनों यानी जितेंद्र और टिल्लू कॉलेज के समय जिगरी दोस्त हुआ करते थे. लेकिन वक्त बदला और दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. क्या है वह कहानी चलिए जानते हैं.
डीयू के श्रद्धानंद कॉलेज से टिल्लू और जितेंद्र गोगी की दोस्ती की शुरुआत हुई. और यह दोस्ती धीरे-धीरे गहरी हो चली.
लेकिन कॉलेज में हुए चुनाव के समय दोनों की दोस्ती में दरार आ गई. वजह थी कि दोनों अलग-अलग प्रत्याशियों को सपोर्ट कर रहे थे. यूं कहें कि दोनों में रंजिश की शुरुआत यहीं से हुई.
साल था 2012 जब जितेंद्र गोगी और उसके साथियों ने मिलकर टिल्लू के दोस्त की हत्या कर दी. तभी से दोनों के बीच रंजिशें और बढ़ गई. फिर दोनों ने अलग-अलग गैंग बना लिए.
टिल्लू एक मर्डर के आरोप में 2016 से जेल में बंद था. पहले मंडोली जेल फिर 2021 में जब गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या हुई तो उसे तिहाड़ जेल शिफ्ट गया.
टिल्लू ने मंडोली जेल में ही जितेंद्र गोगी को मारने का प्लान बनाया था. रोहिणी कोर्ट में हुए उस शूटआउट में गोगी को आठ से ज्यादा गोलियां मारी गई जिसमें उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया.