DNA का रहस्य सुलझाने वाले डॉ हरगोविंद खुराना की अनसुनी बातें
By: Mrityunjay
डॉ. हरगोविंद खुराना एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक थे. जिन्हें चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
डॉ. हरगोविंद खुराना साल 1968 में जेनेटिक कोड की भाषा समझने और उसकी प्रोटीन संश्लेषण में भूमिका प्रतिपादित की थी.
इस शोध के मुताबिक डीएनए में मौजूद न्यूक्लियोटाइड की स्थिति से तय होता है कि कौन से अमीनो एसिड का निर्माण होगा.
ये अमीनो एसिड प्रोटीन बनाते हैं जो कोशिकाओं की कार्यशैली से जुड़ी सूचनाओं को आगे ले जाने का काम करते हैं.
डॉ. हरगोविंद खुराना ने पूरी तरह से कृत्रिम जीन का निर्माण किया था.
नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद अमेरिका ने उन्हें नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस की सदस्यता प्रदान की थी.
डॉ. हरगोविंद खुराना को साल 1969 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
साल 1958 में डॉ. खुराना को कनाडा का मर्क मेडल से सम्मानित किया गया था.
डॉ. खुराना साल 1968 में लॉस्कर फेडरेशन पुरस्कार और लूसिया ग्रास हारी विट्ज पुरस्कार से सम्मानित किये गए थे.