संस्कृत में बात करते हैं इस गांव के लोग

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भारत में हर जगह की बोली अलग है. क्षेत्र और राज्य के हिसाब से बोली अलग-अलग है.

नॉर्थ इंडिया में ज्यादातर लोग हिन्दी में बात करते हैं तो साउथ में हर राज्य की अलग भाषा है. इसी तरह नॉर्थ ईस्ट की बोली भी अलग है.

आजकल की यंग जनरेशन हिन्दी सही से नहीं बोल पाते हैं. यंग जनरेशन के लोग या तो इंग्लिश में बात करते हैं या हिन्दी-अंग्रेजी मिली जुली होती है.

भारत में एक ऐसी अनोखी जगह है जहां लोग आपस में संस्कृत में बात करते हैं. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी संस्कृत में बात करते हैं.

भारत में ऐसी कौन-सी जगह है, जहां लोग संस्कृत में बात करते हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.

कर्नाटक में एक गांव है, मत्तूर. ये गांव शिवमोग्गा के पास में है. मत्तूर गांव टुंगा नदी के किनारे बसा हुआ है.

इस गांव की बोलचाल की भाषा संस्कृत है. इस गांव के लोग संस्कृत में ही बात करते हैं. ये इस जगह की खास पहचान है.

कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में राजा कृष्ण देव राय ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए मत्तूर गांव को केन्द्र बनाया था.

देश में जहां संस्कृत लोगों की जुबान से खत्म हो गई है. वहीं कर्नाटक के इस गांव में आज भी लोग संस्कृत में बात कर रहे हैं.

कर्नाटक के अलावा मध्य प्रदेश के झिर्री गांव में भी लोग संस्कृत में ही बात करते हैं. यहां के कल्चर में ही संस्कृत झलकती है.

नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.