हिंदू शास्त्र के अनुसार कैलाश पर्वत भगवान शिव और पार्वती का निवास स्थान है.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है.
पीएम मोदी ने इसी व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए हैं.
कैलाश पर्वत के बारे में कहा जाता है कि यहां रेडियोएक्टिविटी ज्यादा है.
अगर कोई कैलाश पर्वत पर चढ़े तो नीचे नहीं आ सकता है.
इस पर्वत की आकृति एक पिरामिड के समान है और वैज्ञानिक इसे धरती का केंद्र बताते हैं.
कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ना असंभव है. लेकिन 11वीं सदी के एक बौद्ध भिक्षु योगी मिलारेपा ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की थी.
कैलाश पर्वत पर समय तेजी से बीतता है. वहां जाने वाले यात्रियों और वैज्ञानिकों ने अपने बाल और नाखूनों की तेजी से बढ़ते हुए देखा है.
कैलाश पर्वत के आसपास पहुंचने पर ॐ की आवाज सुनाई पड़ती है.