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महाकुंभ में अघोरी साधु आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. ये भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं. इनका जीवन रहस्यों से भरा होता है.
हर कोई अघोरी के बारे में जानना चाहता है. क्या आप जानते हैं कि अघोरी का अंतिम संस्कार कैसे होता है. चलिए बताते हैं.
अघोरी का अंतिम संस्कार आम लोगों से अलग होता है. इसे गहरे रहस्य और साधना का हिस्सा माना जाता है.
अघोरी के शवों को जलाया नहीं जाता है और ना ही उनका शवों को दफनाया जाता है.
अघोरी का अंतिम संस्कार उनके पंथ के नियमों के अनुसार होता है. उनके शव को 40 दिनों तक उल्टा रखा जाता है.
उनके शव को तब तक रखा जाता है, जब तक उसमें कीड़े नाा लग जाएं. यह उनकी तपस्या और पापों के अंत का प्रतीक है.
इसके बाद शरीर के धड़ को गंगा में प्रवाहित किया जाता है. माना जाता हैं कि ऐसा करने से उसके सारे पाप धुल जाते हैं.
40 दिनों के बाद अघोरी के सिर पर विशेष साधना की जाती है. इसमें शराब डाली जाती है.
कहा जाता है कि साधना के प्रभाव से सिर उछलने लगती है, आवाज देती है और शराब मांगती है. इसे तंत्र शक्तियों का प्रतीक माना जाता है.