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21 अगस्त 1986 को जमैका में जन्में उसैन सेंट लियो बोल्ट यानी उसैन बोल्ट को अपनी तेज रफ्तार के कारण लाइटिंग बोल्ट के नाम से भी जाना जाता है.
उसैन बोल्ट बचपन से ही खेलों के शौकीन थे और बड़े होकर क्रिकेट बॉलर बनना चाहते थे. क्रिकेट कोच ने बोल्ट की दौड़ने की रफ्तार देख उन्हें धावक बनने की सलाह दी थी.
उसैन बोल्ट ने जूनियर हाईस्कूल में 200 मीटर की दौड़ को केवल 22.04 सेकेंड में पूरा कर रजत पदक अपने नाम किया था.वह महज 12 वर्ष की उम्र में अपने स्कूल के राष्ट्रिय प्राथमिक प्रतियोगिता में 100 मीटर की दौड़ की जीतकर स्कूल के सबसे तेज धावक बने थे.
उसैन बोल्ट ने साल 2009 में 100 मीटर की रेस को 9.58 सेकेंड में पूरा कर अपने नाम विश्व रिकॉर्ड दर्ज किया था.
बोल्ट ने 2004 के एथेंस ओलंपिक में डेब्यू किया था. 100 मीटर रेस में दौड़ते वक्त अपनी तेज रफ्तार के कारण वह अपने नजदीकी एथलीट से लगभग एक मीटर आगे रहते थे.
उसैन बोल्ट ने 100 मीटर रेस में 9.58 सेकेंड, 200 मीटर रेस में 19.19 सेकेंड और 400 मीटर रेस में 45.28 सेकेंड के समय के साथ सबसे तेज दौड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है.
उसैन बोल्ट ने बीजिंग ओलंपिक 2008, लंदन ओलंपिक 2012 और रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक जीतकर ट्रिपल जीत को दोहराने और लगातार तीन ओलंपिक में 100 मीटर और 200 मीटर जीतने वाले एकमात्र एथलीट हैं.
जीत का जश्न मनाने के लिए उसैन बोल्ट का प्रसिद्ध टू डि वर्ल्ड पोज पहली बार 2008 बीजिंग ओलंपिक में फेमस हुआ. ओलंपिक में बोल्ट ने कुल 9 स्वर्ण पदक जीते, लेकिन अपने साथी नेस्टर कार्टर के डोपिंग उल्लंघन के कारण उन्हें बीजिंग 2008 के लिए अपना 4×100 मीटर पदक गंवाना पड़ा था.
उसैन बोल्ट को साल 2009 में लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था. बोल्ट ने साल 2017 में खेल से संन्यास ले लिया था, लेकिन उनका दबदबा अभी भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज है.