उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कमलेश मिश्रा Polyhouse Technique का इस्तेमाल करके खेती कर रहे हैं.
B.Com की पढ़ाई करने वाले कमलेश मिश्रा को नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने खेती की तरफ रुख किया.
कमलेश मिश्रा ने खेती के बारे में रिसर्च की तो उन्हें पॉलीहाउस तकनीक के बारे में पता चला. उन्होंने जाना कि इस तकनीक के जरिए बेमौसमी सब्जियों को भी उगाया जा सकता है.
इसके बाद उन्होंने राजस्थान जातक पॉलीहाउस के बारे में जानकारी हासिल की और इससे संबंधित सरकार की योजनाओं के बारे में जाना.
साल 2022 में उन्होंने अपने खेतों में पॉलीहाउस स्ट्रक्चर लगाया था और इसमें उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान मिला था.
इस साल उन्होंने खीरे और रंग-बिरंगी शिमला मिर्च उगाई हैं. शिमला मिर्च लगभग 150 रुपए किलो तक बिकती हैं.
पॉलीहाउस ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर एवं फॉगर जैसी सुविधा से लैस है. वह खीरे का उत्पादन मल्च तकनीकी से कर रहे हैं.
उन्हें अपनी सब्जियां बेचने के लिए मंडी नहीं जाना पड़ता है, लोग उनके खेत से आकर सब्जियां लेकर जाते हैं.
इस साल उन्होंने अपनी खेती से 30 लाख रुपए का मुनाफा कमाया है और वह लोगों को प्रगतिशील तरीके से खेती करने की सलाह देते हैं.