ज्योतिष शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़े हर एक चीज के बारे में विशेष नियम बताया गया है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पूजा-अनुष्ठान में वस्तुओं की शुद्धता और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाना चाहिए.
मान्यता है कि विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा करने के बावजूद छोटी-छोटी गलतियों से जीवन में परेशानियों का सामना करना चाहते हैं.
मान्यता है कि पूजा-पाठ के लिए प्राकृतिक धातुओं का इस्तेमाल करने से ज्यादा कृपा मिलती है.
शास्त्रों के मुताबिक, धार्मिक कार्यों के लिए सोना, चांदी, पीतल और तांबा के बर्तन का इस्तेमाल करना बहुत शुभ माना जाता है.
वहीं, स्टील मानव निर्मित धातु है, जिसके चलते इसे शुद्ध धातुओं की श्रेणी में नहीं रखा गया है.
जिसके चलते ही स्टील से मूर्तियों का निर्माण नहीं किया जाता है.