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दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन रावण को जलाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कितने तीर लगने के बाद रावण मरा था?
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भगवान राम ने रावण का वध किया था. चलिए हम आपको बताते हैं कि राम ने रावण को कितने तीर मारे थे.
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श्रीरामचरितमानस के लंकाकांड की एक चौपाई में तुलसीदास ने इसका जिक्र है कि भगवान राम ने रावण को कितने तीर मारे थे.
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श्रीरामचरितमानस का दोहा- खैंचि सरासन श्रवन लगि छाड़े सर एकतीस। रघुनायक सायक चले मानहुँ काल फनीस॥
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इस दोहा में बताया गया है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिए 31 बाण एक साथ चलाए थे.
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इसका मतलब है कि कानों तक धनुष को खींचकर राम ने 31 बाण चलाए. भगवान के बाण ऐसे चले, जैसे कालसर्फ हों.
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इसकी अगली चौपाई में तुलसीदास ने बताया है कि कौन सा बाण रावण के किस अंग पर लगा.
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श्रीरामचरितमानस की चौपाई- सायक एक नाभि सर सोषा। अपर लगे भुज सिर करि रोषा॥ लै सिर बाहु चले नाराचा। सिर भुज हीन रुंड महि नाचा॥
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इसका मतलब है कि एक बाण ने नाभि के अमृत कुंड को सोख लिया. बाकी 30 बाण रावण के सिरों और भुजाओं में लगे. रावण का धड़ धरती पर नाचने लगा.
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