(Photos Credit: Getty)
भारतीय हिंदू विवाह परंपरा में आमतौर पर 7 फेरे लेने की परंपरा होती है.
हर फेरे का अलग धार्मिक और सामाजिक महत्व होता है.
ये फेरे अग्नि के चारों ओर लिए जाते हैं, जो साक्षी मानी जाती है.
हर फेरे के साथ दूल्हा-दुल्हन एक वचन लेते हैं.
लेकिन कुछ विशेष जातियों और क्षेत्रों में 5 फेरे लेने की परंपरा भी प्रचलित है.
महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ समुदायों में 4 या 5 फेरों की परंपरा है.
हालांकि, उत्तर भारत में 7 फेरे ही विवाह की मान्यता को पूर्ण करते हैं.
धर्मशास्त्रों में भी 7 फेरों को सात जन्मों की कसमें कहा गया है.
कई बार पंडित की सुविधा या लोक परंपराओं के अनुसार फेरों की संख्या कम-ज्यादा होती है.