किसी भी सुहागिन के लिए 16 श्रृंगार सबसे जरूरी होता है.
सिंदूर महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक होता है.
खुशबू को प्रेम का प्रतीक माना गया है और यह एक दूसरे की ओर आकर्षित करने का काम करती है.
पैरों में पहनी जाने वाली चांदी की पायल सबसे उत्तम व शुभ मानी जाती है.
पैरों की उंगलियों में पहनी जानी बिछिया सुहागिन महिलाओं की पहचान होती है.
शादी के रस्मों की शुरूआत ही अंगूठी से होती है. इसे भी सोलह श्रृंगार में खास माना जाता है.
गजरा से अपने बालों को खूबसूरत बनाया जाता है.
बाकी गहनों की ही तरह झुमके, कुंडल भी सुहागिनों की शोभा बढ़ाते हैं.
चमकते कपड़े भी सुहाग की निशानी है.
दुल्हन के लिए लाल रंग का शादी का जोड़ा शुभ व महत्वपूर्ण माना जाता है.
सोलह श्रृंगार में मेहंदी या आलता को महत्वपूर्ण माना गया है.
मांगटीका भी 16 श्रृंगार में शामिल है.
काजल आंखों व रूप को निखारने का काम करता है.
मंगलसूत्र भी श्रृंगार का खास हिस्सा है.
हाथों में छनकती चूड़ियां हर सुहागिन का सबसे खास शृंगार हैं.
हाथ के ऊपरी हिस्से में पहना जाने वाला बाजूबंद के बिना 16 श्रृंगार अधूरा है.
सुहागिन की सुंदरता को बढ़ाने का काम कमरबंद करता है.